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महासमुंद : केबिनेट मंत्री राम विचार नेताम ने शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा स्थापना हेतु किया भूमिपूजन

जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आज 18 दिसम्बर को तहसील कार्यालय के समीप महासमुंद में शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा स्थापित किए जाने हेतु भूमिपूजन कार्यक्रम गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। आदिवासी समाज के परंपरागत पूजा पाठ से भूमिपूजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री रामविचार नेताम के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने की। कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ जिला महासमुंद, 52 गढ़ गोंड समाज महासमुंद एवं आदिवासी समाज महासमुंद के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में चंद्रहास चंद्राकर, राज्य बीज विकास निगम के अध्यक्ष,रूप सिंह मंडावी, अनुसूचित जनजाति आयोग उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में भीखम सिंह ठाकुर उपाध्यक्ष जिला पंचायत, दिशा रामस्वरूप दीवान अध्यक्ष जनपद पंचायत, आर.एन. ध्रुव प्रांताध्यक्ष छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ, कमलेश ध्रुव अध्यक्ष केन्द्रीय गोंड महासभा धमधागढ़, आर एन ध्रुव,ऐतराम साहू , देवीचंद राठी उपाध्यक्ष , थानसिंह दीवान, एस पी ध्रुव, राधेश्याम त्रिलोकी, इश्वरी भोई उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि आज गुरु घासी दास जयंती आज पूरे देश में मनाया जा रहा है और ऐसे विशेष अवसर में जनजातीय गौरव दिवस मना रहे हैं। यह गौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि ये देश के लिए अमृत काल का समय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंशानुरूप यहां जनजातीय गौरव के लिए अनेक कार्य किया जा रहा है। नया रायपुर में 50 करोड़ रुपए की लागत से आदिवासी समाज के योगदान को अमिट बनाने भव्य म्यूजियम बनाया गया है। जिसे देश भर के लोग देखने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 80 हजार करोड़ की लागत से जनजातीय उत्थान और विकास के लिए बजट दिया गया है। राज्य में धरती आबा और पी एम जनमन योजना संचालित किया जा रहा है।जिसमें आदिवासी गांवो में सड़क, बिजली, पानी और नौकरी की समुचित व्यवस्था की जा रही है। 

उन्होंने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने में कृषि विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। किसानों को एकीकृत कृषि आधारित खेती करने प्रोत्साहित करें। गाय पालन भी करें। युवाओं को दिल्ली में निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई है। प्रयास स्कूल के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेने कहा। उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह केवल आदिवासी समाज ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध सबसे पहले संगठित संघर्ष कर देशभक्ति, साहस और त्याग का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी प्रतिमा की स्थापना आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास, संस्कृति और स्वाभिमान से जोड़ने का कार्य करेगी। राज्य शासन जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने कहा कि महासमुंद की पावन धरती पर शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा स्थापित होना गर्व का विषय है। यह प्रतिमा जनजातीय समाज के संघर्ष, बलिदान और आत्मसम्मान की प्रतीक बनेगी। उन्होंने कहा कि समाज के महापुरुषों को सम्मान देना ही सच्ची श्रद्धांजलि है और ऐसे आयोजनों से समाज में एकता और जागरूकता बढ़ती है।

उन्होंने अंचल में विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार किसानों की आय दुगुना करने संकल्पित है। इसी कड़ी में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने जिले में 3200 करोड़ की लागत से सिकासेर बांध गरियाबंद से शहीद वीर नारायण सिंह जलाशय कोडार में पानी लाने की व्यवस्था कर रहे है। श्री सिन्हा ने बताया कि 650 करोड़ की लागत से सिरपुर बैराज भी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां के लोग स्वाभिमानी है और अन्याय के खिलाफ नहीं झुकते।आदिवासी समाज किसी से पीछे नहीं है।आज हमारे मुख्यमंत्री भी आदिवासी समाज से है। विकसित भारत के निर्माण में महासमुंद की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

समारोह को संबोधित करते हुए अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रूप सिंह मंडावी ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस हमारे नायकों को स्मरण करने और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का दिन है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज एक अलग ही पहचान रखता है। उन्होंने समाज के क्रमिक विकास और विस्तार के संदर्भ में जानकारी दी। समाज के पदाधिकारी एवं जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री भीखम सिंह ठाकुर ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर समाज को दिशा दी। उनकी शहादत हमें सिखाती है कि अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होकर संघर्ष करना आवश्यक है।

समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी कमलेश ध्रुव एवं आर एन ध्रुव ने भी संबोधित किया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा और शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत पर अपने प्रेरक विचार रखे। इन्होंने कहा कि दोनों वीर अंग्रेजी हुकूमत और प्रतिकूल परिस्थिति के खिलाफ उठ खड़े हुए।कार्यक्रम के दौरान विधिवत पूजा-अर्चना के साथ भूमिपूजन सम्पन्न किया गया। इस अवसर पर समाज के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, परिक्षेत्र एवं बड़ी संख्या में समाज जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रभक्ति और सामाजिक एकता के संदेश के साथ हुआ।


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