वेदांता का नंद घर - 16 राज्यों में 10,000 केंद्रों की ऐतिहासिक उपलब्धि
नंद घर रोज़ाना 4 लाख से अधिक बच्चों और 3 लाख महिलाओं के जीवन में परिवर्तन ला रहा है
ओडिशा में 531 नंदघर और छत्तीसगढ़ में 262 नंदघर, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं, साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी प्रभाव डाल रहे हैं।
रायपुर, नवंबर 2025: इस बाल दिवस पर वेदांता समूह की सामाजिक प्रभाव इकाई, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (एएएफ) ने भारत की सामाजिक विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा की। वेदांता की प्रमुख सामाजिक पहल नंद घर ने 16 राज्यों में 10,000 से अधिक केंद्र स्थापित कर लिए हैं, जो प्रतिदिन देशभर में 4 लाख से अधिक बच्चों और 3 लाख महिलाओं के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं।
नंद घर भारत की आंगनवाड़ी प्रणाली को आधुनिक बनाकर महिलाओं और बच्चों को बेहतर पोषण, प्रारंभिक शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और कौशल विकास के माध्यम से सशक्त कर रहा है। भारत सरकार की एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस), जो इस वर्ष 50 वर्ष पूरे कर रही है, के अनुरूप नंद घर पारंपरिक आंगनवाड़ियों को आधुनिक, तकनीक-सक्षम, प्रभावी केंद्रों में बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ओडिशा में 531, छत्तीसगढ़ में 262 और पूरे भारत में कई अन्य नंद घर, स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग उपकरण, बीएएलए डिज़ाइन, विश्वसनीय बिजली, स्वच्छ पेयजल, साफ-सुथरे शौचालय, और बच्चों के अनुकूल फर्नीचर से सुसज्जित हैं। यह 3–6 वर्ष के बच्चों के लिए सुरक्षित, समावेशी और प्रेरणादायक स्थान प्रदान करता है। प्रारंभिक शिक्षा के साथ-साथ नंद घर पोषण कार्यक्रम, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण अभियान और महिलाओं के कौशल विकास के माध्यम से पूरे समुदाय को सशक्त बनाने वाले केंद्र के रूप में कार्य करता है।
वेदांता के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल की दूरदृष्टि के तहत शुरू हुआ नंद घर आज एक मुहिम बन चुका है। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर उन्होंने कहा, “जब हमने नंद घर की शुरुआत की थी, हमारा सपना बहुत सीधा था — हर बच्चे को अच्छा पोषण और शुरुआती शिक्षा मिले, और हर महिला अपने पैरों पर खड़ी हो सके। आज बाल दिवस पर, 16 राज्यों में 10,000 नंद घर पूरे करते हुए, यह सपना सच होता दिख रहा है। हर नंद घर सशक्तिकरण, शिक्षा और उम्मीद का प्रतीक है। यह उपलब्धि भारत सरकार, राज्य सरकारों और स्थानीय समुदायों के मजबूत सहयोग से ही संभव हुई है। मैं सभी का दिल से धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने इस मिशन पर भरोसा किया। हम 8 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। मैं चाहता हूँ कि देश के और भी लोग इस मिशन से जुड़ें और हमारे साथ कदम बढ़ाएँ।”
ओडिशा की खनिज-समृद्ध धरती से लेकर राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों तक, छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक सुंदरता वाले क्षेत्रों से लेकर आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों तक, नंद घर ने पारंपरिक आंगनवाड़ियों को स्थानीय विकास के मजबूत केंद्रों में बदला है। बच्चों को गरम भोजन और पोषण पूरक दिए जाते हैं। अब तक 80 लाख से अधिक पोषण सप्लिमेंट वितरित किए जा चुके हैं। क्षेत्रीय भाषाओं में डिजिटल शिक्षण मॉड्यूल बच्चों में मजबूत प्री-स्कूल नींव तैयार कर रहे हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच और जागरूकता अभियानों से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हुआ है, जिससे 90 लाख से अधिक लोगों तक पहुंच बनाई गई है। प्राथमिक ट्रेडों में कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से हज़ारों महिलाएं प्रति माह ₹10,000 तक कमा रही हैं, जिससे उन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान मिला है।
नंद घर ने बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे में सुधार किए हैं ताकि प्रत्येक केंद्र डिजिटल रूप से सक्षम और सस्टेनेबल ऊर्जा से संचालित हो सके। इन सुधारों ने नंद घर को ग्रामीण विकास का एक दोहराए जाने योग्य मॉडल बना दिया है, जो अंतिम छोर तक पहुंच बनाते हुए सरकार के प्रयासों को कई गुना बढ़ाता है।
राजस्थान की नंद घर दीदी सुनीता देवी ने बताया, “पहले आंगनवाड़ी एक छोटा कमरा भर थी। आज हमारा नंद घर गांव का गौरव है! बच्चे यहाँ खुशी से आते हैं और माताएँ भी हम पर पहले से ज़्यादा भरोसा करती हैं। स्मार्ट टीवी, साफ-सुथरी सुविधाएं और पौष्टिक भोजन ने इसे एक सीखने और आनंद का केंद्र बना दिया है।”
ओडिशा की रेखा कहती हैं , “नंद घर ने हमारे गांव की महिलाओं को देखने का नजरिया बदल दिया। मैंने नए कौशल सीखे, कमाई शुरू की और अब दूसरों को भी सिखाती हूं। महिलाओं की तरक्की पूरे समुदाय की तरक्की है। यही नंद घर ने हमें दिया है।”
इस वर्ष बाल दिवस का उत्सव और भी खास रहा क्योंकि यह 10,000 नंद घर पूरे होने का अवसर भी था। कई राज्यों में बच्चों, माताओं और स्थानीय नेताओं ने कला, कहानी सुनाने और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से उत्साहपूर्वक जश्न मनाया।
राजस्थान, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और अन्य राज्यों में अपनी उपस्थिति को मजबूत करते हुए नंद घर ग्रामीण भारत के हृदय तक तेजी से विस्तार कर रहा है। अगले दो वर्षों में केवल राजस्थान में ही 25,000 नंद घर स्थापित कर 20 लाख लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है, जिससे सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सहयोग का एक नया मानदंड स्थापित होगा।
नंद घर के बारे में:
नंद घर, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख पहल है, जो भारत की आंगनवाड़ी प्रणाली को आधुनिक बनाकर महिलाओं और बच्चों को सशक्त करती है। 16 राज्यों में 10,000 केंद्रों के साथ, नंद घर पोषण, प्रारंभिक बाल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और कौशल विकास जैसी एकीकृत सुविधाएं प्रदान करता है। वर्तमान में यह लगभग 4 लाख बच्चों और 3 लाख महिलाओं तक पहुंच रहा है। नंद घर का लक्ष्य देश की 13.7 लाख आंगनवाड़ियों के माध्यम से 7 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाना है। अधिक जानकारी के लिए देखें: www.nandghar.org
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के बारे में:
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन, वेदांता की सामुदायिक और सामाजिक पहलों का प्रमुख संगठन है। इसकी प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं — बाल स्वास्थ्य एवं पोषण, बाल शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, पशु कल्याण और खेलों का संवर्धन। फाउंडेशन का उद्देश्य समुदायों को सशक्त बनाना, जीवन को बेहतर करना और स्थायी एवं समावेशी विकास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देना है। अधिक जानकारी के लिए देखें: https://www.vedantalimited.com/eng/social_impact_csr.php